जोनाई: धेमाजी जिले के जोनाई महकमा में पिछले 17 जनवरी से 23 जनवरी तक दो नंबर मुरकंगसेलेक त्रिवेणी एलपी स्कूल के समीप तारकेश्वर शिव मंदिर के प्रांगण में श्रीमद भागवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन दो नंबर मुरकंगसेलेक गोर्खा समाज के तत्वावधान में और स्थानीय लोगों के सहयोग से सात दिवसीय कार्यक्रम में विश्व शाति एवं जनकल्याण के लिए आयोजित कथा में में चार वेद, पुराण, श्रीमद भागवत महापुराण की व्याख्या व्यास विष्णु कमल शास्त्री ने की। इस दौरान काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा का आनंद लिया।जिसमें सरकार के द्वारा दिए गए कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर श्रीमद भागवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ का मुख्य कथा प्रवक्ता के रूप में विष्णु कमल शास्त्री और आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने लगातार लोगों से कोरोना के दोनों खुराक लेने वाले लोगों को प्रवेश, हाथ धोने , समाजिक दूरी बनाने और मास्क पहनकर पांडाल में प्रवेश करने पर लगातार अनुरोध किया गया।
कथा में भगवान कृष्ण के वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम के अलावा उनकी विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया। सात दिवसीय इस धार्मिक अनुष्ठान के सातवें एवं अंतिम दिन विष्णु कमल शास्त्री ने भगवान श्री कृष्ण की रास लीला, मथुरा गमन, दुष्ट कंस का वध, रुक्मिणी विवाह, शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्तिरस में डुबो दिया। रास लीला का वर्णन करते हुए बताया कि रास तो जीव का शिव के मिलन की कथा है। यह काम को बढ़ाने की नहीं काम पर विजय प्राप्त करने की कथा है। भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुक्मिणी के साथ संपन्न हुआ, लेकिन रुक्मिणी को श्रीकृष्ण द्वारा हरण कर विवाह किया गया। इस कथा में समझाया गया कि रुक्मिणी स्वयं साक्षात लक्ष्मी हैं। जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो उन्हें भगवान की कृपा स्वयं ही प्राप्त हो जाती है। श्रीकृष्ण भगवान व रुक्मणि के अतिरिक्त अन्य विवाहों का भी वर्णन भी किया गया। कथा के दौरान भजन प्रस्तुत किए गए। भजन मंडली के मधुर गीत सुनते ही श्रोता झूमने लगे थे।
कार्यक्रम के अनुसार अनुसार 17 जनवरी को सुबह आठ बजे तीन नंबर मुरकंगसेलेक महिला आत्म सहायक गुट के द्वारा सामुहिक सफाई अभियान किया गया । सुबह नौ बजे मुरकंगसेलेक लखी नेपाली सार्वजनिक दूर्गा मंदिर के पुरोहित किशोर उपाध्याय के द्वारा धर्मध्वजा फहराया गया और स्वागत समिति के अध्यक्ष कृष्ण बहादुर छेत्री धर्मध्वजा फहराने में सहयोग किया। सुबह दस बजे मिसिंग स्वायत्तशासी परिषद के साधारण सदस्य और समाज सेवक पदुम कुमार राई भागवत मंच का उद्घाटन किया और उनको सहयोग किया गोर्खा उन्नयन परिषद के सदस्य लाल बहादुर छेत्री उर्फ पार्थ छेत्री । सुबह साढ़े दस बजे मुख्य कथा प्रवक्ता के रूप में विष्णु कमल शास्त्री के द्वारा आमंत्रित पुरोहित को स्वागत का कार्यक्रम किया गया। सुबह ग्यारह बजे श्रीमद भागवत महापुराण सप्ताह यज्ञ के आयोजन के वरुण आह्वान और भव्य कलश यात्र निकाली गई।
जिसमें स्थानीय महिलाओं और पुरुषों ने कलश यात्रा निकालकर पुनः मंदिर प्रांगण में पहुंचे। पहले दिन का अपराह्न तीन बजे कलश स्थापना, वेदी स्थापना, मंडप पूजन ,व्यास पूजन , भागवत पूजन किया गया। मुख्य कथा प्रवक्ता के रूप में विष्णु कमल शास्त्री के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा प्रवचन शुभारंभ किया गया। शाम पांच बजे आरती और प्रसाद वितरण किया गया । शाम साढ़े छह बजे भजन कीर्तन और साढ़े आठ बजे से आमंत्रित कीर्तन मण्डली के द्वारा भजन कीर्तन शुभारंभ किया गया। 18 जनवरी को सुबह आठ बजे जोन आत्म सहायक गुट के द्वारा सफाई अभियान , सुबह नौ बजे पूजा-अर्चना किया गया। सुबह ग्यारह बजे से तीन बजे भागवत महापुराण अमृत प्रवचन , प्रसाद वितरण , भजन कीर्तन और दस बजे रात्रि विश्राम ।
19 जनवरी को सुबह आठ बजे मां लक्ष्मी आत्म सहायक गुट के द्वारा सामुहिक सफाई अभियान , सुबह नौ बजे पूजा-अर्चना और आरती किया गया। सुबह ग्यारह बजे से अपराह्न तीन बजे भागवत महापुराण अमृत प्रवचन और इसके बाद प्रसाद वितरण किया गया। 20 जनवरी को सुबह आठ बजे पदुमणि आत्म सहायक गुट के द्वारा सफाई अभियान , सुबह नौ बजे पूजा-अर्चना और आरती , ग्यारह बजे से तीन बजे तक भागवत महापुराण अमृत प्रवचन और इसके बाद प्रसाद वितरण किया गया। 21 जनवरी को तीन नंबर मुरकंगसेलेक महिला आत्म सहायक गुट के द्वारा सफाई अभियान , सुबह नौ बजे पूजा-अर्चना और आरती , ग्यारह बजे से तीन बजे तक भागवत महापुराण अमृत प्रवचन और इसके बाद प्रसाद वितरण किया गया।
22 जनवरी को सुबह आठ बजे भानू भक्त गोर्खा युवक संघ के द्वारा सफाई अभियान , सुबह नौ बजे पूजा-अर्चना किया गया। सुबह ग्यारह बजे से तीन बजे भागवत महापुराण अमृत प्रवचन , प्रसाद वितरण , भजन कीर्तन और दस बजे रात्रि विश्राम किया गया ।23 जनवरी को भागवत महापुराण स्वागत समिति के द्वारा सफाई अभियान , सुबह नौ बजे महायज्ञ ,उपन्यन , पुर्णाहुती, वट्- पीपल विवाह ,शुभ विवाह और भागवत विशेष पाठ अर्चना और आरती , अपराह्न तीन बजे महाप्रसाद वितरण, पांच बजे एक लाख दीप प्रज्वलित किया गया और भजन आरती और सायं सात बजे कृष्ण भजन कीर्तन आरंभ और दस बजे रात्रि विश्राम किया गया।
स्वागत समिति के अध्यक्ष कृष्ण बहादुर छेत्री , कार्यकारी अध्यक्ष सुरज कुमार पाण्डेय और महासचिव लोकनाथ छेत्री ने सभी धर्म परायण लोगों , दाताओं और आयोजन समिति के सदस्यों और स्थानीय लोगों को श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथा का सातवें दिन शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न। होने पर धन्यवाद ज्ञापन किया।