धर्म-कर्म

Hanumanji को इस तरह प्रसन्न कर सभी कष्ट से हों दूर

हनुमान जी (Hanumanji) की कृपा पाने के लिए मंगलवार के दिन व्रत करके शाम के समय बूंदी का प्रसाद बांटने से भी पैसों की तंंगी दूर हो जाती है। शनिवार को हनुमान जी के मन्दिर में जाएं। उनके कंधों पर से सिन्दूर लाकर नजर लगे व्यक्ति को लगाएं। नजर का प्रभाव समाप्त हो जाता है। […]

हनुमान जी (Hanumanji) की कृपा पाने के लिए मंगलवार के दिन व्रत करके शाम के समय बूंदी का प्रसाद बांटने से भी पैसों की तंंगी दूर हो जाती है।

शनिवार को हनुमान जी के मन्दिर में जाएं। उनके कंधों पर से सिन्दूर लाकर नजर लगे व्यक्ति को लगाएं। नजर का प्रभाव समाप्त हो जाता है।

मंगलवार को शाम के समय हनुमान जी को केवड़े का इत्र व गुलाब की माला चढ़ाएं। हनुमान जी को खुश करने का यह सबसे सरल उपाय है।

जीवन की समस्त समस्याओं के निवारण के लिए हनुमान जी के मंदिर में जाएं और राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें।

मंगलवार की शाम को हनुमान मंदिर में जाएं। एक सरसों के तेल का और एक शुद्ध घी का दीपक जलाएंं। वहीं बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी की कृपा पाने का ये एक अचूक उपाय है।

मंगलवार के दिन हनुमानजी के पैरों में फिटकरी रखें। जिन्हें बुरे सपने आते हों वे अपने सिरहाने फिटकरी रखें। बुरे सपने नहीं आएंगे।

कोई व्यक्ति पैसों की तंगी का सामना करना रहा है तो उसे प्रति मंगलवार और शनिवार को पीपल के 11 पत्तों का यह उपाय अपनाना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति पैसों की तंगी का सामना करना रहा है तो उसे मंगलवार और शनिवार को पीपल के 11 पत्तों का यह उपाय अपनाना चाहिए।

मंगलवार और शनिवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठें। इसके बाद नित्य कर्मों से निवृत्त होकर किसी पीपल के पेड़ से 11 पत्ते तोड़ लें। ध्यान रखें पत्ते पूरे होने चाहिए, कहीं से टूटे या खंडित नहीं होने चाहिए।

इन 11 पत्तों पर स्वच्छ जल में कुमकुम या अष्टगंध या चंदन मिलाकर इससे श्रीराम का नाम लिखें। नाम लिखते समय हनुमान चालीसा का पाठ करें। जब सभी पत्तों पर श्रीराम नाम लिख लें, उसके बाद राम नाम लिखे हुए इन पत्तों की एक माला बनाएं। इस माला को किसी भी हनुमानजी के मंदिर जाकर वहां बजरंगबली को अर्पित करें। इस प्रकार यह उपाय करते रहें। कुछ समय में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे।

(laatsaab.com में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और लोक आस्थाओं पर आधारित है, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसे लोगों की सामान्य रुचि को ध्यान में रखते हुए यहां प्रस्तुत किया गया है।)