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खादी स्मारक राष्ट्रीय ध्वज कल सेना दिवस के अवसर पर लोंगेवाला में फहराया जाएगा

नई दिल्ली: यह स्‍मारक राष्ट्रीय ध्वज (National Flag) खादी के कपड़े से बनाया गया दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज है। इसको शनिवार को “सेना दिवस” (Sena Diwas) का उत्सव मनाने के लिए जैसलमेर (Jaisalmer) में भारत-पाकिस्तान सीमा (India-Pakistan Border) पर एक भव्य सार्वजनिक प्रदर्शन के दौरान लहराया जाएगा। राष्ट्रीय ध्वज लोंगेवाला (longewala) में प्रदर्शित […]

नई दिल्ली: यह स्‍मारक राष्ट्रीय ध्वज (National Flag) खादी के कपड़े से बनाया गया दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज है। इसको शनिवार को “सेना दिवस” (Sena Diwas) का उत्सव मनाने के लिए जैसलमेर (Jaisalmer) में भारत-पाकिस्तान सीमा (India-Pakistan Border) पर एक भव्य सार्वजनिक प्रदर्शन के दौरान लहराया जाएगा। राष्ट्रीय ध्वज लोंगेवाला (longewala) में प्रदर्शित किया जाएगा, जो वर्ष 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक युद्ध का मुख्य केंद्र था।

2 अक्टूबर 2021 को लेह में राष्ट्रीय ध्वज के अनावरण के बाद से यह खादी के द्वारा सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए बनाया गया 5वां ध्वज होगा। दूसरा तिरंगा झंडा 8 अक्टूबर 2021 को वायु सेना दिवस के अवसर पर हिंडन एयरबेस पर और फिर 21 अक्टूबर 2021 को लाल किले पर प्रदर्शित किया गया था, उस दिन भारत ने 100 करोड़ कोविड टीकाकरण का आंकड़ा पूरा किया था। 4 दिसंबर 2021 को नौसेना दिवस मनाने के लिए मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया (Gateway of India) के पास नौसेना डॉकयार्ड में स्‍मारक राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था।

स्‍मारक राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा भारतीयता की सामूहिक भावना और खादी की विरासत शिल्पकला का प्रतीक है। इस ध्वज को खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा स्वतंत्रता के 75 साल के उपलक्ष्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए तैयार किया गया है। ऐतिहासिक अवसरों पर प्रमुख स्थानों पर ध्वज को प्रदर्शित करने के लिए केवीआईसी ने इसे रक्षा बलों को सौंप दिया है।

स्‍मारक राष्ट्रीय ध्वज 225 फीट लंबा और 150 फीट चौड़ा है तथा इसका वजन (लगभग) 1400 किलोग्राम है। इस झंडे को तैयार करने में खादी के 70 कारीगरों को 49 दिन लगे थे। स्‍मारक राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण से खादी कारीगरों और संबद्ध श्रमिकों के लिए करीब 3500 घंटे का अतिरिक्त कार्य उपलब्ध हुआ है। झंडे को बनाने में 4500 मीटर हाथ से काते और हाथ से बुने हुए खादी के सूती ध्वजपट का इस्तेमाल किया गया है, जो 33, 750 वर्ग फुट के कुल क्षेत्रफल को कवर करता है। ध्वज में अशोक चक्र का व्यास 30 फीट है।