नई दिल्लीः गंभीर ऑक्सीजन संकट के बीच दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार मरीजों की मौत हो गई। जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल के चिकित्सा निदेशक डॉ डीके बलुजा ने कहा, ‘‘ऑक्सीजन का दबाव कम हो गया है क्योंकि हमारे पास ऑक्सीजन का स्टॉक नहीं है।
उन्होंने कहा कि अस्पताल में 200 से अधिक मरीज हैं और उनके पास सुबह 10.45 बजे केवल आधे घंटे की ऑक्सीजन शेष बची थी। आधी रात के आसपास ऑक्सीजन की आखिरी रिफिल मिला। चिकित्सा निदेशक से जब पूछा गया कि क्या अस्पताल को सरकार से कोई मदद मिली है। उन्होंने कहा, ‘‘किसी ने कुछ भी वादा नहीं किया। हर कोई कह रहा है कि हम पूरी कोशिश करेंगे।’’ डॉ बलूजा ने कहा कि अस्पताल में 200 से अधिक मरीज हैं और उनमें से 80 प्रतिशत ऑक्सीजन पर हैं। लगभग 35 मरीज आईसीयू में हैं।
अस्पताल को अपने ऑक्सीजन का कोटा 5.30 बजे मिलना था लेकिन मध्यरात्रि तक आपूर्ति उस तक नहीं पहुंची। फिर भी, अस्पताल को अपने आवंटित कोटा का केवल 40 प्रतिशत प्राप्त हुआ और फिर से संकट की स्थिति में है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में ‘भयावह’ घटनाओं का सामना करने वाले ऑक्सीजन संकट को हरी झंडी दी, जिसके बाद भी दिल्ली की लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की मांग पूरी नहीं हुई। केजरीवाल ने कहा कि कुछ राज्य सरकारें अपनी आवश्यकता को पूरा करने के लिए दिल्ली में टैंकरों को रोक रही हैं।
केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कोविड-समीक्षा सम्मेलन के दौरान कहा, ‘‘अगर यहां ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं होता है तो क्या दिल्ली के लोगों को ऑक्सीजन नहीं मिलेगी? कृपया सुझाव दें कि केंद्रीय सरकार में मुझे किससे बात करनी चाहिए जब एक ऑक्सीजन टैंकर दिल्ली के लिए दूसरे राज्य में रोका जाता है?”
कोविड-19 की लड़ाई में कई राज्यों ने मेडिकल ऑक्सीजन की कमी को झूठा बताया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि ऑक्सीजन टैंकरों के परिवहन समय को कम करने के लिए रेलवे और वायु सेना की तैनाती की जा रही है और सभी राज्य सरकारों को जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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