नई दिल्लीः पीवी सिंधु ने रविवार को टोक्यो ओलंपिक में चीन की ही बिंग जिओ के खिलाफ कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने महत्वपूर्ण मुकाबला 21.13ए 21.15 से जीता और इसी के साथ वह दो व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। वह 2016 के रियो ओलंपिक में महिला एकल स्पर्धा के फाइनल में पहुंची थी। वहां पर उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा और रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा था।
कांस्य पदक जीतने के बाद एक बयान में पीवी सिंधु ने कहा, ‘‘मैं नौवें स्थान पर हूं। इतने सालों तक कड़ी मेहनत की। मुझे लगता है कि मैंने वास्तव में अच्छा किया है। मेरे अंदर बहुत सारी भावनाएं चल रही थीं – क्या मुझे खुशी होनी चाहिए कि मैंने कांस्य जीता या दुखी हूं कि मैंने मौका गंवा दिया फाइनल में खेलने का?’’
सिंधु को अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए मैच में मजबूत शुरुआत करने की जरूरत थी, क्योंकि शनिवार को ताई त्ज़ु.यिंग से खिलाफ सेमीफाइनल में उन्हें एकतरफा हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन आज के मैच के सिंधु कुछ और ही सोच कर आई थीं। उन्होंने चीनी खिलाडी को अपने सामने टिकने का मौका ही नहीं दिया और दोनों सेट जीतकर इतिहास रच दिया।
इससे पहलेए दिग्गज पहलवान सुशील कुमार बीजिंग 2008 खेलों में ब्रॉन्ज और लंदन 2012 खेलों में सिल्वर पदक जीतकर ओलंपिक में दो व्यक्तिगत पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे। सिंधु ने इससे पहले ब्राजील के शहर रियो में हुए ओलंपिक खेलों में सिल्वर मेडल हासिल किया था। तब उन्हें फाइनल में स्पेन की कैरोलिना मारिन के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी। पिछले ओलंपिक में भारतीय दल ने सिर्फ दो मेडल ही हासिल किए थे। इसमें सिंधु के अलावा कुश्ती में साक्षी मलिक ने ब्रॉन्ज मेडल कर हासिल किया था।
बता दें कि भारत को बैडमिंटन में ओलंपिक में अभी तक 3 मेडल मिले हैं। साइना नेहवाल ने लंदन ओलंपिक 2012 में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। सिंधु ने लगातार दूसरे ओलंपिक में मेडल जीता और भारत का नाम रोशन किया। 2016 में रियो ओलंपिक में वह गोल्ड से एक कदम दूर रह गईं। 2020 ओलंपिक में वह भले ही गोल्ड ना जीत पाई हों पर उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया।
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