छत्तीसगढ़

बटईकेला गौठान के स्व सहायता समूह की महिलाए कैमिकल मुक्त, हर्बल युक्त गुलाल बना रही

जशपुरनगर: कलेक्टर महादेव कावरे सार्थक प्रायास से कांसाबेल विकास खण्ड के बटईकेला गौठान के चाँद स्व सहायता समूह की महिलाओं को होली को देखते हुए, गौठान में स्व सहायता समूह की महिलाओं को आजीविका से जुड़ने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र जशपुर डुमरबहार के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा […]

जशपुरनगर: कलेक्टर महादेव कावरे सार्थक प्रायास से कांसाबेल विकास खण्ड के बटईकेला गौठान के चाँद स्व सहायता समूह की महिलाओं को होली को देखते हुए, गौठान में स्व सहायता समूह की महिलाओं को आजीविका से जुड़ने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र जशपुर डुमरबहार के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। महिलाओं ने कैमिकल से त्वचा को नूकसान न हो इसके लिए पालक पत्ते, चूकंदर, हल्दी से हर्बल गुलाल बना रही हैं। कृषि विज्ञान केन्द्र के डुमरबहार जशपुर के प्रमुख डॉक्टर राकेश भगत, डॉक्टर डी.के.देवांगन, डॉ. बी.कुजूर, डॉ. अनिता के मार्गदर्शन में 10 महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। विकास खण्ड परियोजना प्रबंधक, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान श्री कमलेश कुमार श्रीवास ने बताया कि बिहान से जुड़ी महिलओं को छ.ग. शासन की योजनाओं से लाभांवित भी किया जा रहा है।

होली को देखते हुए लगभग 10 क्विंटल हर्बल गुलाल बनाने  का लक्ष्य महिलाओं द्वारा रखा गया है। गुलाल बनाने के लिए महिलाएं पालक के पत्ते, चूकंदर और हल्दी का प्रयोग करती हैं। इसके लिए कोई विशेष मशीन उपयोग नही करती केवल मिक्चर मशीन का उपयोग पिसने के लिए करती हैं। बाकी कार्य महिलाएं अपने हाथ से करती हैं। महिलाएं पालक पत्ते से हरे रंग का गुलाल, चूकंदर से लाल रंग का गुलाल और हल्दी से पीले रंग का गुलाल बना रही हैं वे गुलाल बनाने में किसी प्रकार की कैमिकल का उपयोग नहीं करती हैं केवल हर्री साग-सब्जियों का ही उपयोग कर रही हैं जिससे त्वचा को कोई नुकसान भी नही होगा। होली में बटईकेला समूह की महिलाओं को गुलाब से अच्छा-खास मुनाफा होगा और बाजारों में इसकी मांग भी अधिक है, हर्बल गुलाल की किमत भी पैकेट के अनुसार रखी गई है। 30-40 रूपये के पैकेट बनाकर भी बिक्रय किया जा रहा है।

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