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रेलवे का बड़ा फैसला, ’कालका मेल’ का नाम बदलकर ‘नेताजी एक्सप्रेस’ किया

नई दिल्लीः नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के तीन दिन पहले, भारतीय रेलवे ने बुधवार को अपनी एक सबसे पुरानी ट्रेन हावड़ा-कालका मेल का नाम बदलकर ‘नेताजी एक्सप्रेस’ कर दिया। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी, उन्होंने लिखा, ‘‘नेताजी की वीरता ने भारत को स्वतंत्रता और विकास के एक्सप्रेस […]

नई दिल्लीः नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के तीन दिन पहले, भारतीय रेलवे ने बुधवार को अपनी एक सबसे पुरानी ट्रेन हावड़ा-कालका मेल का नाम बदलकर ‘नेताजी एक्सप्रेस’ कर दिया। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी, उन्होंने लिखा, ‘‘नेताजी की वीरता ने भारत को स्वतंत्रता और विकास के एक्सप्रेस मार्ग पर ला खड़ा किया। मैं ‘नेताजी एक्सप्रेस’ की शुरुआत के साथ उनकी जयंती मनाने के लिए रोमांचित हूं।’’

19वीं शताब्दी में भारत में शुरुआती यात्री ट्रेन सेवाओं में से एक के रूप में शुरू हुई, हावड़ा-कालका मेल भारतीय रेलवे द्वारा संचालित सबसे पुरानी और प्रसिद्ध ट्रेनों में से एक है। यह राष्ट्रीय राजधानी के माध्यम से हावड़ा (पूर्व रेलवे) और कालका (उत्तर रेलवे) के बीच चलती है। रेल मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारतीय रेल 12311/12312 हावड़ा-कालका एक्सप्रेस के नामकरण की घोषणा करने में प्रसन्न है।’’

ट्रेन का नाम बदलने का आदेश मंगलवार (19 जनवरी) को जारी किया गया था, जब नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने नेताजी की जयंती 23 जनवरी को हर साल ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया था।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्र के प्रति नेताजी की भावना और निस्वार्थ सेवा को सम्मान देने और स्मरण करने के साथ-साथ उनकी तरह देशवासियों, खास तौर से युवाओं को प्रेरित करने, विपत्ति में धैर्य के साथ काम करने की प्रेरणा देने और देशभक्ति की भावना का संचार करने को लेकर सरकार ने फैसला किया है।

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