दिल्ली/एन.सी.आर.

तिहाड़ जेल में बंद Yasin Malik ने खत्म की भूख हड़ताल

पिछले 10 दिनों से तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में भूख हड़ताल (Hunger Strike) पर बैठे कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है। जेल अधिकारियों ने कहा कि जब यासीन मलिक को इस बारे में बताया गया कि उनकी मांगों से संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया गया है, उसके बाद उन्होंने अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी।

नई दिल्ली: पिछले 10 दिनों से तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में भूख हड़ताल (Hunger Strike) पर बैठे कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है। जेल अधिकारियों ने कहा कि जब यासीन मलिक को इस बारे में बताया गया कि उनकी मांगों से संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया गया है, उसके बाद उन्होंने अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी।

DG संदीप गोयल ने न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस को बताया कि यासीन मलिक ने कल अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी।

जेल में बंद अलगाववादी नेता, जो इस समय तिहाड़ जेल की जेल नंबर 7 में बंद है, 22 जुलाई को भूख हड़ताल पर चला गया था। जब उसकी भूख हड़ताल के पीछे का कारण पूछा गया, तो अधिकारी ने कोई विवरण देने से परहेज किया।

हालांकि, जेल सूत्रों ने कहा कि मलिक उन एजेंसियों का विरोध कर रहा था जो उसके मामलों की जांच कर रही हैं। यासीन मलिक का कहना था जो उसका मामला विचाराधीन है उस पर सही से जांच नहीं की जा रही है। इसलिए उसने भूख हड़ताल शुरू की थी।

26 जुलाई को भूख हड़ताल के कारण तबीयत बिगड़ने के बाद मलिक को जेल अधिकारियों ने अस्पताल में भर्ती कराया था। दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती रहने के चार दिन बाद 29 जुलाई को उसे छुट्टी दे दी गई थी।

यासीन मलिक को इसी साल 25 मई को NIA कोर्ट ने टेरर फंडिंग के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

साथ ही उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। मलिक को UAPA और आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई गई है। यासीन मलिक को भारत के खिलाफ जंग छेड़ने और आतंकियों के लिए फंड जुटाने का दोषी पाया गया था। कोर्ट ने 19 मई को सुनवाई के दौरान ही उसे दोषी ठहरा दिया था।